Saiyam Ki Raah Mili (Lyrics) | Jain Stavan Lyrics In Hindi

Saiyam Ki Raah Mili (Lyrics)
संयम की राह मिली...




संयम की राह मिली, मुक्ति की चाह मिली,
प्रभु तेरी करुणा से, सद्गुरु की छांव मिली,
जीवन की दिशा बदली, मोह जग से फैरकर,
नाता पुद्गल से तोड़ा है, रिश्ता जीवों से जोड़ा है,
संयम की राह मिली...

काल अनंतो तुम बिन लागे, चौरासी में भटकी हुँ,
अब तुम मिले भाग्य खिले, संसार से अटकी हुँ,
तेरी श्रद्धा के सहारे, मैंने उठाए है कदम,
तू ही राह दिखा देना, मंज़िल तक पहोचाना...

गुरु चरणों में किया है मैंने, जीवन ये मेरा समर्पण,
उपयोग में बीते मेरे, जीवन का हर एक पल-पल,
नित-नित बढे मेरे, मन अंतर का रण,
ये आश पूरी हो, प्रभु ऐसी कृपा करना...

मेरे मन में भी कोई अन, कटुता का ना रहे,
सबके प्रति दिल में मेरे, बस करुणा ही बहे,
क्रिया विधि और ज्ञान से, निज स्वरूप जान लू,
चारित्र दर्शन से, मुक्ति का मैं सुख स्पर्श...

रचना: प. पू. आ. अजितशेखरसूरीश्वरजी म. सा.

Saiyam Ki Raah Mili (Lyrics)


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