Koyal Tahuki Rahi Madhuban Me,
Parshwa Shaamaliyaa Vsso Mere Man Me
कोयल टहुकी रही मधुबन में,
पार्श्व शामळीया वसो मेरे मन में-4
काशी देश वरणासि नगरी,
जन्म लियो प्रभु क्षत्रिय कुलमे-2
बाल पणामा प्रभु अद्धभुत ज्ञानी ,
कमठ को मान हर्यो एक पल में
कोयल टहुकी रही मधुबन में,
पार्श्व शामळीया वसो मेरे मन में
नाग निकाला काष्ठ चिराकर,
नाग को सुरपति कियो एक छीन मे -2
संयम लइ प्रभु विचारवा लाग्या ,
संयम भींज गयो एक रंग में
कोयल टहुकी रही मधुबन में,
पार्श्व शामळीया वसो मेरे मन में
सम्मेत शिखर प्रभु मोक्ष सिधावया ,
पार्श्वजी को महिमा दिन कुवनमे-2
उदय रतन की एही अर्ज़ है,
दिल को रखो तोरा चरण कमल में
कोयल टहुकी रही मधुबन में,
पार्श्व शामळीया वसो मेरे मन में
1 Comments
Aapka bahut bahut Dhanywaad 🙏🙏
ReplyDelete