प्रभुना मारगडे जा रे वीरा!
प्रभुना मारगडे जा रे वीरा! मारगडो उजमाळ बने (2)
वैरागी साचो थई जा रे वीरा! मारगडो उजमाळ बने...
उछळे छे उर्मिओ आजे उरे, काळजानो कटको थाशे दूरे,
केम करी छूटशे संग तारो, हैयुं आ तारा रे विरहे झूरे,
पाछु वाळीने न जोतो वीरा! मारगड़ो...1
तारा रे स्मितमां गीतों हता, पडछाया तारा मनमीत हता,
तारा विना केम रहेशुं हवे, तारा रे स्नेह संगीत हता,
हैयाना सगपण ना छूटे वीरा! मारगड़ो...2
संसार तुजने लाग्यो खारो, छूटशे हवे संगाथ तारो,
याद आवशे सथवार तारो, क्यारे रे आवशे मारो वारो,
मोह घेली ममता न टूटे वीरा! मारगड़ो...3
होंशे होंशे तुं वेश धरे, मुक्ति तणुं वरदान वरे,
जीवन हो तारुं एवं उज्वल, देवना देव तुज सेवा करे,
आशिष अंतरना लई जा रे वीरा! मारगड़ो...4
पगले पगले झबके संयम ज्योति, तप अने त्यागना वरसे मोती,
करजे सदाय ए वेश-जतन, उजळा ए वेशने लाखो नमन,
साचं आराधन करजे वीरा! मारगड़ो...5
सूना पड्या सौ स्वप्नो अमारा, व्याकुळ सघळा स्वजनो तारा,
तारी खुशीमां हरखता हैयां, तूटी पड्या आजे विरहे...तारा,
महावीर जीवन तुं जीवजे वीरा! मारगड़ो...6
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