Sihah Banine Garjavanu Satva Have Aavi Gayu Lyrics
सत्व हवे आवी गयु...
सिंह बनीने गर्जवानुं सत्व हवे आवी गयुं,
वीर प्रभुना मार्ग पर चालवू फावी गयु...
आ जुओ झळकी रघु, अम कुळy अणमूल रतन
वैराग्य छे एनुं वतन, शासनतणुं करशे जतन
लाखोजन एने चाहे छे, पण ए तो चाहे रजोहरण,
वामनथी विराट बनवा, सिद्धिपथ पर धरे चरण
नम्र बनीने वर्तवं, ए भावमा मन राची रयुं...
वीर प्रभुना...
कदम भले नाना भरे, उमर भले नानी रही,
नजर भले नीची रही, पण लक्ष्य छे ऊंचुं अहीं,
आपत्तिथी डरशे नहीं, विपत्तिथी लडशे नहीं,
मळी छे सघळी संपत्ति, गुरुदेवना चरणोमही,
निडरपणे, निग्रंथ बनी, निशब्द थर्बु भावी गपुं...
वीर प्रभुना...
Rachna: Shramani Bhagvant (Raj-Priya)
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