Eek Din Diksha Lunga Lyrics | Jain Diksha Song Lyrics | एक दिन दीक्षा लूंगा

Eek Din Diksha Lunga Lyrics 
Jain Diksha Song Lyrics
एक दिन दीक्षा लूंगा


तर्ज - (एक दिन बिक जायेगा)

एक दिन दीक्षा लूंगा, मन में ये भाव
एक दिन रख दूंगा मै, संयम पथ पे पाँव
एक दिन विरतिधर का, पहनूंगा मैं वेश
एक दिन लोचुंगा मै, निज हाथो से केश

संयम लेना संयम

संसारी बनकर भव भव, पाप ही ओढ़े
हिंसाचार, पापाचार से, कर्म ही जोड़े
पुण्य धन नित खोया, बस दुःखो को बोया
हर एक गति में खाये, कर्मो से कोडे
सुनते ही जिन वाणी, आतम ये जागी
भवजल के दल दल में, देखी संयम नाव

एक दिन दीक्षा..... (१)

स्पर्शा है, हर एक राजलोक मैंने
भोगा हर परमाणु, हर एक पुदगल मैंने
आसक्ति विषयों की, ये तृष्णा इन्द्रियों की
त्यागनी है नश्वर चाहत, ठाणा है मैंने
शाश्वत सुख पर मेरा, पूरा है अधिकार
पाना है अब मुझको, अपना मूल स्वभाव

__ एक दिन..... (२)

समकित के रत्न मिले है तीन न्यारे
दर्शन, ज्ञान, चारित्र, आतम के उजाले
ये दौलत यही पूँजी, मुक्ति की यही कुंजी

सुखधाम ले जायेंगे गुणरत्न ये सारे
विक्रम धीरज मांगे वैराग की रश्मि
प्रदीप को ओघे से, लागा है लगाव

एक दिन..... (३)

Lyrics: Pradeep Dhalawat

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