तुं प्रभु मारो हुं प्रभु तारो
Tu Prabhu Maro Hu prabhu Taro lyics
तुं प्रभु मारो हुं प्रभु तारो क्षण एक मुजने नाहि विसारो
महेर करी मुज विनंती स्वीकारो स्वामी सेवक जाणी निहळो...
लाख चोरशी भटकी प्रभुजी, आव्यो हुं तारे शरणे हो जिनजी,
दुरगति कपो शिवसुख आपो, भक्त सेवकने निजपद स्थापो...
अक्षय खजानो प्रभु तारो भर्यो छे, आपो कृपाळु में हाथ धर्यो छे,
वामानंदन जगनंदन प्यारो, देव अनेरा मांही तु न्यारो...
पलपल समरूं नाथ संखेश्वर, समरथ तारण तु हि जिनेश्वर,
प्राणथकी तुं अधिको वहालो दया करी मुजने नेहे निहाळो...
भक्त वत्सल तारुं बिरुद जाणी, केड ना छोडु एम लेजो जाणी,
चरणो नी सेवा नित नित चाहुं, घडी घडी मन मांही उमाहुं...
ज्ञानविमल तुज भक्ति प्रभावे, भवोभवना संताप समावे,
अमीय भरेली तारी मूर्ति निहाळी, पाप अंतरना लेजो पखाडी...
1 Comments
Dhaywaad is atisundr stavan k liye.. 🙏🙏
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