Prabhu Aatalu To Aaj Bhave Deje Mane Karuna Kari | Jain Stuti Lyrics | प्रभु आटलु तो आज भवे देजे मने करूणा करी
संसार नी निसारता निर्वाण नी रमणीयता,
क्षण क्षण रहे मारा स्मरणमां धर्मनी करणीयता,
सम्यकत्व नी जयोती हृदयमां झळहळे श्रेयसकरी,
प्रभु आटलु तो आज भवे देजे मने करूणा करी.
सवी जीव करू शासन रसी आ भावना हैये वहो,
करूणा झरणमा रातदिन हु जीवन भर वेहतो रहो,
शणगार संयमनो सजी झंखु सदा शिव सुंदरी,
प्रभु आटलु तो आज भवे देजे मने करूणा करी.
गुणीजण विशे प्रिती धरू, निर्गुण विशे माध्यस्थता,
आपत्ती हो, संपत्ती हो, राखु हृदयमा स्वस्थता,
सुखमां रहु वैराग्यथी, दुखमां रहु समता धरी,
प्रभु आटलु तो आज भवे देजे मने करूणा करी.
संकट भले घेरायने, वेराय कंटक पंथमां,
श्रद्धा रहो मारी सदा जिनराज आगम ग्रंथमां,
प्रत्येक पळ, प्रत्येक स्थळ, हैये रहे तुज हाजरी,
प्रभु आटलु तो आज भवे देजे मने करूणा करी.
तारा स्तवन गावा हमेशा वचन मुज उलसीत हो,
तारा वचन सुणवा हमेशा श्रवण मुज उलसीत हो,
तुजने निरखवा आंख मारी रहे हमेशा बहावरी,
प्रभु आटलु तो आज भवे देजे मने करूणा करी.
संसार सुखना साधनोथी सतत हु डरतो रहु,
धरतो रहो तुज ध्यानने आंतर व्यथा हरतो रहु,
करतो रहु दिनरात बस तारा चरणनी चाकरी,
प्रभु आटलु तो आज भवे देजे मने करूणा करी.
धर्म दीधेला धन स्वजन हु धर्मने चरणे धरु,
श्री धर्मनो उपकार हु कयारेय पण ना विसरु,
हो धर्ममय मुज जिंदगी हो धर्ममय पळ आखरी,
प्रभु आटलु तो आज भवे देजे मने करूणा करी.
मनमा स्मृती, मुर्ति नयनमां, वचनमां स्तवना रहे,
मुज रकत ना हर बुंदमा जिनराज तुज आज्ञा वहे,
पहोचाडशे माक्षे मने जिनधर्म अेवी खातरी,
प्रभु आटलु तो आज भवे देजे मने करूणा करी.
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