Karu Naman Nemi-Jin Charan Ma
Neminath Bhagvan Stuti
करुं नमन नमि जिन चरणमां...
प्रणमु प्रतिदिन प्रेम थी परमात्म तारा बिंबने,
बावीसमो तुं जिनपति भवपार करजे तुं मने,
मुज प्राण तुं मुज त्राण तुं मुज जीवननो आधार तुं,
करुं नमन नेमि जिन चरणमां स्मरणमा रहेजो सदा.. [१]
गिरनार गिरी शणगार तुं, तुज धाम ए वखणाय छे,
शत्रुजय भमती महीं तुं भावथी पूजाय छे,
अर्बुदगिरीए लुणीग वसिही मंदिरे तुज वास छे,
करुं नमन नेमि जिन चरणमां स्मरणमा रहेजो सदा.. [२]
गुजरात, राजस्थान ने सौराष्ट्र तुज प्रदेश छे,
मालवप्रदेशे तीर्थ आस्था ताहरु सविशेष छे,
रांतेज, वालम नाडलाई तिर्थपती पण तुं ज छे,
करुं नमन नेमि जिन चरणमां स्मरणमा रहेजो सदा.. [३]
भोरोल तीर्थे भव्य प्रतिमा जोई मन मारूं ठरे,
बस बेसी जउं धरुं ध्यान तारुं भाव ते ज थया करे,
तुज श्यामवर्णी पापहरणी मूर्ति मुजने खूब गमे,
करुं नमन नेमि जिन चरणमां स्मरणमा रहेजो सदा.. [४]
महाब्रह्मचारी तुं विभु अद्भूत छे तारी कथा,
संसार फंदे ना फसायो राजीमती वरवा छतां,
तुज नाम मंत्र जपे शमी सह वासनाओ नी व्यथा,
करुं नमन नेमि जिन चरणमां स्मरणमा रहेजो सदा.. [५]
तुज द्रष्टि थी द्रष्टि मळे तो द्रष्टि दोष टळे बधा,
तुज मूर्तिमा मन जो भळे मन निर्विकारी बने तदा,
तुज स्पर्श थी महाब्रह्म नी सिद्धि सधाये सर्वदा,
करूं नमन नेमि जिन चरणमां स्मरणमा रहेजो सदा.. [६]
भगवान तुजने नीरखनारा निर्विकारी थाय छे,
भगवान तुजने वंदनारा वंदनीय बनी जाय छे,
भगवान तुजने भेटनारा भवथकी मुकाय छे,
करूं नमन नेमि जिन चरणमां स्मरणमां रहेजो सदा.. (७)
तज मतिना दर्शन प्रभ भवोभव मने मळता रहो.
तुज भक्ति नो अवसर प्रभु भवोभव मने मळतो रहे,
"मुक्तिकिरण" नी ज्योत भवोभव हृदय मां जलती रहो,
करुं नमन नेमि जिन चरणमां स्मरणमा रहेजो सदा.. [८]

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